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क्या पानीपुरी वजन घटाने में मदद कर सकती है? –  जानिए एक्सपर्ट्स का कहना

आज ज्यादातर लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 1.9 अरब लोग मोटापे से पीड़ित हैं। जिसमें से 65 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हैं। 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल 40 लाख लोग सामान्य से अधिक मोटे हो रहे हैं। मोटापे की सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब पेट पर चर्बी जमा हो जाती है। मोटापे से निजात पाने के लिए लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं। जिम से लेकर दवाइयों और डाइट तक सब कुछ ट्रीट करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना ​​है कि पानीपुरी मोटापे से छुटकारा दिला सकती है। यह सुनकर आप भी चौंक गए होंगे।

पानीपुरी वजन कैसे कम कर सकती है?

वैसे तो पानीपुरी में पुरी मैदे की बनी होती है, लेकिन इसके साथ जो पानी पिया जाता है उसमें पुदीना, कच्चा आम, काला नमक, पिसा हुआ जीरा, अदरक और इमली जैसी सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। जीरे में एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण होते हैं। जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। जबकि काला नमक खनिजों से भरपूर होता है और इसमें टेबल सॉल्ट की तुलना में सोडियम कम होता है। जो पाचन क्रिया को मजबूत करता है। इसके अलावा यह त्वचा और बालों की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। सेंधा नमक मांसपेशियों के दर्द और गले की खराश से राहत दिलाता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव

इस संबंध में जानेमाने डॉक्टर्स का कहना है कि पुदीने के पानी में इस्तेमाल होने वाले जीरा, पुदीना और इमली मिला दी जाती है। पुदीने का पानी और जीरा वजन घटाने में मददगार होते हैं। पुदीने का पानी पाचन तंत्र को मजबूत करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बेहतर बनाता है। पुदीने में फाइबर, विटामिन ए, आयरन, मैंगनीज और फोलेट भी होता है। पानीपुरी मुंह के छालों और एसिडिटी को भी रोक सकती है। यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।

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सावधानी भी जरूरी

पानीपुरी पूरी ट्रांस फैट से बनती है, इसलिए यह सेहत के लिए हानिकारक है। इसके अलावा इसमें बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण डायरिया हो सकता है। जीरे के पाउडर के अत्यधिक उपयोग से मासिक धर्म में ऐंठन हो सकती है। जानेमानी डॉक्टर्स  बताती हैं कि इसे बनाने में सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि इसे बनाने में हाइजीन का ध्यान नहीं रखा जाता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर हो सकता है अगर इसे स्वच्छता को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए।