देश के कई हिस्सों में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिससे बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सा विज्ञान में डेंगू बुखार का कोई निश्चित इलाज नहीं है। ऐसे में इसके लिए कई घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं। डेंगू बुखार में सबसे बड़ी समस्या मरीज के खून में प्लेटलेट्स की कमी होती है। प्लेटलेट्स की कमी से अक्सर रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है और यहां तक कि उसकी जान को भी खतरा हो जाता है।
पपीते के पत्ते का रस डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने या प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय के तौर पर दिया जाता है। यह उपचार काफी कारगर माना जाता है। यह गांवों और शहरों में हर घर में उपलब्ध है। यह काफी आसानी से उपलब्ध है। लेकिन विज्ञान की नजर में यह इलाज कितना कारगर है यह सबसे बड़ा सवाल है। अभी तक डॉक्टर ने इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है।
छोटे पैमाने पर परीक्षण किया गया
यह परिणाम बहुत छोटे पैमाने पर किए गए इन अध्ययनों पर आधारित है। चिकित्सा विज्ञान में इस संबंध में कोई ठोस शोध नहीं कि गयी है। चिकित्सा विज्ञान में अब तक के अध्ययनों से पता चलता है कि डेंगू एक आत्म-सीमित बीमारी है। इसका मतलब यह है कि बीमारी दवा से ठीक नहीं होती है, लेकिन हमारा शरीर इसे अपने आप नियंत्रित करने में सक्षम होता है। बुखार उतर जाने के बाद शरीर खुद ही प्लेटलेट्स बढ़ाना शुरू कर देता है।
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एक हर्बल उत्पाद के रूप में प्रयोग करें
पपीता एक प्राकृतिक संसाधन है। आप इसे हर्बल प्रोडक्ट कह सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं है। यदि रोगी को इसका लाभ मिलता है, तो इसे आजमाने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि चिकित्सा विज्ञान में शोध की कमी के कारण किसी भी हर्बल उत्पाद से इंकार नहीं किया जा सकता है।